जब तक अजनबी थे,तब तक ही अच्छा था।इस जान पहचान ने तो फासले ही बढ़ा दिये।
सोचा था बताएंगे हर एक दर्द उनको ,लेकिन उन्होने तो इतना भी न पुछा की खामोश क्यों हो।
भटक जाते हैं लोग अक्सर,
इश्क़ की गलियों में,
इस सफर का कोई एक,
नक्शा तो होना चाहिए।
बहुत लाज़मी है, उनका गुरूर करना,
आख़िर,
उन्हे चाहा भी तो हमने है।
उन्हे जब देखता हूँ तो खुद अपनी याद आती है,
मेरा अंदाज़ हँसने का,
कभी उनके ही जैसा था।
जानते थे कि नहीं हो सकते कभी वो हमारे,
फिर भी खुदा से उन्हे माँगने की,
आदत हो गयी,
पैमाने वफ़ा क्या है,
हमें क्या मालूम,
कि बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी।
हम अपने इख़्तियार की हद से गुजर गए,
चाहा उन्हे तो प्यार की हद से गुजर गए,
जागी है अपने दिल में गुलाबों की आरज़ू,
जब मौसम-ए-बहार की हद से गुजर गए।
खुद-ब-खुद शामिल हो गए वो मेरी साँसों में,
हम सोच के करते तो फिर मोहब्बत न करते।
थे धुप से परेशान और अब तकलीफ है बारिश से,
शिकायतें बेशुमार है इन्सान की आदत में।
किसी की सलाह,
से रास्ते जरूर मिलते हैं,
पर मंजिल तो खुद की मेहनत से
ही मिलती है।
प्रशंसक हमें बेशक पहचानते
होंगे।
मगर शुभचिन्तकों की पहचान खुद
को करनी पड़ती है।
कई बार वो लोग मीलों दूर होते हैं,
जो करीब रहते हैं।
और वो लोग सबसे क़रीब होते हैं,
जो मीलों दूर रहते हैं।
प्यार किया बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सरेआम हो गए,
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए।
तेरे नज़दीक ही हर वक़्त भटकता क्यों हूँ।
तू बता फूल के जैसा मैं महकता क्यों हूँ।
मैं न रातों का हूँ जुगनू न कोई तारा,,
पर उसकी आँखों में बता फिर भी चमकता क्यों हूँ।
तेरे पास मैं आता जा रहा हूं,
तेरी खुशबुओं की तरफ खिंचा आ रहा हूं,
खुद को खुद से मैं खोता जा रहा हूं,
तुम्हारा अब मैं होता जा रहा हूं।
तिरे नज़दीक आता जा रहा हूँ,
वजूद अपना मिटाता जा रहा हूँ।
मुक़द्दर आज़माता जा रहा हूँ,
मैं तुझ से दिल लगाता जा रहा हूँ।
घर का आईना भी, अब हक जताने लगा है। ख़ुद तो वैसा ही है, पर मेरी उम्र बताने लगा है।
रस्म एक खास,
निभाना सीखो।
किसी को अपना बनाना है तो,
पहले उसका बन जाना सीखो।
जिंदगी खेलती भी उसी के साथ है,
जो खिलाड़ी, बेहतरीन होता है.!
दर्द सबके एक से है,
मगर हौंसले सबके अलग अलग है.
कोई हताश हो के बिखर जाता है,
तो कोई संघर्ष करके निखर जाता है.
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी उनकी,
पहले पागल किया।
फिर पागल कहा।
फिर पागल समझ कर छोड़ दिया।
जिंदगी सिर्फ एक बार मिलती है, ये एक झूठ है।
जिंदगी तो हमे रोजाना मिलती है, मौत ही सिर्फ एक बार मिलती है।
इन्सान की परेशानियों की सिर्फ दो ही वजह है।
वह तकदीर से ज्यादा चाहता है और वक्त से पहले चाहता है।
जब तक रास्ते समझ में आते है, तब तक 'लौटने का वक्त' हो जाता है।
यही जिंदगी है, इसलिए हमें अतीत को भुलकर आज के लिए जीना चाहिए।
ये मोहब्बत नही है
करते थे जिन्हें हम प्यार,
वो अब परायें हो गए।
मोहब्बत के रिश्ते से,
हम बहुत दूर हो गए।
कितने स्वार्थी होते है
वो लोग,
जो खुद के सुख के लिए,
दूसरो को गमो में डूबो देते है।।
जब पता था कि हमें,
ऐश और आराम चाहिए।
तो क्यों,
किसी के दिल से खेलते हो।
और नजदीकियां बनाकर,
क्यों उससे मुँह मोड़ते हो।
और उसे जिंदगी के दोराहे पर लाकर छोड़ते हो।।
कभी सोचा भी नही होगा,
मोहब्बत करने का अंजाम क्या होगा।
रिश्तों की डोर से बंधने रहने,
और फिर टूटने का अंजाम क्या होगा?
वो तो खुश हो रहे होंगे,
ऐश आराम की जिंदगी जीने के लिए।
पर सामने वाले को तो,
छोड़ दिया मरने को।।
वाह री मोहब्बत और इससे करने वाले,
तुझे भी एक दिन इसी,
दौर से गुजरना होगा।।
लव्ह शायरी की। Hindi love shayari143
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12/13/2019 12:35:00 am
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