★★★ एक नजर ★★★ 👇👇👇👇👇
1) DIGITAL TRANSECTION को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया।
2) SBI ऑनलाइन फंड ट्रांसफर पर 1 रुपए से 51 रुपए तक शुल्क लेता है।
3) ATM के इस्तेमाल पर लगने वाले शुल्कों की समीक्षा के लिए कमेटी बनेगी।
आरबीआई ने RTGS और NEFT के जरिए फंड ट्रांसफर पर शुल्क खत्म कर दिए हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया। बैंकों से कहा गया है कि वे ग्राहकों को इसका फायदा दें। आरबीआई एक हफ्ते में बैंकों को निर्देश जारी करेगा। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में एनईएफटी के जरिए 20.34 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए। इस दौरान आरटीजीएस के जरिए 1.14 करोड़ लेन-देन हुए थे।
◆◆◆◆ आरटीजीएस के जरिए 2 लाख रु. या अधिक राशि तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) के तहत 2 लाख रुपए या अधिक की राशि ट्रांसफर की जा सकती है। इसके जरिए तुरंत फंड ट्रांसफर हो जाता है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए राशि ट्रांसफर करने के लिए न्यूनतम सीमा तय नहीं है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर में आधे से एक घंटे तक का वक्त लग जाता है।
देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई आरटीजीएस के जरिए ट्रांजेक्शन पर फिलहाल 5 रुपए से 51 रुपए तक शुल्क लेता है। एनईएफटी पर 1 रुपए से 25 रुपए तक फीस लगती है।
इसके साथ ही आरबीआई का यह भी कहना है कि देश में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ी है। लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोग सामान्य फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में सामान्य फोन रखने वाले लोगों को भी तेज गति से किए जा सकने वाली लेन-देन की इस प्रणाली से जोड़ने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने ऑटोमैटिक टेलर मशीन (एटीएम) से निकाली जाने वाली नकदी पर लगने वाले शुल्क को लेकर एक समिति गठित किए जाने की बात भी कही है।